बुधवार, 7 जुलाई 2010

४.

५. अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखें
अवसाद के कारण साइक्लोजिकली किसी को कभी बड़ी कमजोरी लगती है , बेचैनी हो सकती है , हाई ब्लड प्रैशर , लो ब्लड प्रैशर हो सकता है । कभी ऐसा लगेगा कि सिर पर पत्थर रखा हुआ है , टाँगे टूट रही हैं , पसीना बहुत आ रहा है । गैस्ट्रिक परेशानी हो सकती है । ज्यादा बोलने वाले को लगता है जबड़े के जोड़ ही ढीले पड़ गए हैं । कभी कभी तो यन्त्र तन्त्र के वहम तक पड़ जाते हैं । कई लोग अवसाद के कारण बहुत ज्यादा खाना शुरू कर देते हैं । कई लोग बिल्कुल खाना खाना बंद कर देते हैं , खाने का कौर गले से नीचे उतरता ही नहीं ; ऐसे में स्वास्थ्य लगातार गिरता चला जाता है । सुबह के वक्त ज्यादा परेशानी महसूस होती है । ऐसे में आपको अपने स्वास्थ्य का भरपूर ध्यान रखना है । मल्टीविटामिन गोली , नरिशिंग डाईट जिसमे फल दूध से लेकर सारे फ़ूड ग्रुप्स शामिल हों , आपको लेना है । हाँ , तले भुने से बचें , उसे सिर्फ टेस्ट करें । वरना मोटापा बढ़ने पर वजन कम करना मुश्किल हो जाएगा ।
रात को सोते समय सेब का मुरब्बा , दूध के साथ सेवन करें , यह नींद की गोली की तरह काम करेगा , साफ सुथरे बिस्तर पर सोने जाएँ , गहरी नींद आयेगी । आयुर्वेद में ऐसी हालत में पेठे के बीज पीस कर , घी में भून कर , दूध को छौंक लगा कर पीना फायदे मंद बताते हैं । देसी घी ही प्रयोग करें , यह दिमाग को तरावट देता है । नहा धो कर साफ़ सुन्दर कपडे पहनें । नित्य घूमने जरुर जाएँ । पानी खूब पियें , पेट साफ़ रखें व संतुलित भोजन लें ।
६ .सकारात्मक ही सोचें
पुरानी बातें भूल जाइए । यदि हम आज भूत तथा वर्तमान के बीच की लड़ाई में फँस जायेंगे तो पायेंगे कि हमने अपना भविष्य भी खो दिया । इसलिए नकारात्मक विचार के आते ही उसे रोक देना बेहतर है ।
कोई परेशानी ऐसी नहीं होती जिसका हल न हो । आपको जरुरत है शांत चित्त से सोचने की । परिस्थितियों को देखते हुए निर्णय लें । जब हमें बहुत सारे काम एक साथ करने हों , तो हमें सबसे पहले यह तय करना चाहिए कि कौन सा काम पहले करना है और उसे कैसे करना है । उसके लिए एक निश्चित समय सीमा भी बना लें । अगर आप अपने दिमाग में किसी काम की पूरी योजना बना लेते हैं तो समझें कि आधा काम तो हो ही चुका है ।
जीवन के प्रति सकारात्मक रवैय्या रखते हुए सपने देखें , चिंतन करें चिंता नहीं । असफलताओं से कभी न घबराएं । हर ठोकर सफलता की पहली सीढ़ी है । सफलता का स्वाद कितना मीठा होता है , यह असफलता के बाद पाई गयी सफलता से ही जाना जा सकता है । निरंतर कोशिश करें ....गिरते हैं घुड़सवार ही मैदाने -जंग में ।
ईश्वर जिन्दगी के रास्तों को इसलिए पथरीला नहीं बनाता कि मुश्किलें आपको धूल में बदल डालें बल्कि इसलिए खुरदरा बनाता है ताकि आप तप कर , गढ़ कर एक नायाब हीरे की तरह निखर पायें ।
जीवन की भट्ठी में तपे बगैर क्या आप जीवन का सफ़र तय कर सकते हैं ? हर सोने के आभूषण को बनने के लिए भट्ठी में तपना पड़ता है , हथौड़े की मार भी सहनी पड़ती है । हर इंसान तपा हुआ कुंदन , उसने क्या पाया , क्या खोया , अपने आप में पूरी एक दुनिया है ।


पथिक

क्यों व्यथित है

माना , कि सिर पर धूप बहुत है

नंगे सिर , नंगे पैर , तपती धरती

चला नहीं जाता ...

कभी जो छाया तुमने पाई थी

उसका वास्ता ,

उसे महसूस तो कर

फिर उसे पाने की ,

उम्मीद तो कर

कभी ये गीत तो गुनगुना

जिन्दगी मेरे घर आना

आना जिन्दगी

मेरे घर का इतना सा

सीधा पता है

मेरे घर का दरवाजा सदा ही खुला है

मेरे घर के आगे मुहब्बत लिखा है

मेरे घर आना ,

आना जिन्दगी

अपने दिल का दरवाजा खोल , सबमे मुहब्बत बाँटजहां कोई रास्ता नहीं होता , वहाँ एक रास्ता जरुर होता हैजब भी कोई समस्या आए , आप अपने दिल से बाहर निकल कर एक दर्शक बन जाओ , सोचो कि ये समस्या है और ये ये इसके हलअब इन परिस्थितियों में इस इंसान को कौन सा रास्ता चुनना चाहिए , बस हल आपके सामने होगाभावनाओं को हर जगह मत जोड़िये , वरना आप समस्या में डूब कर अपना ही नुकसान करेंगे , समस्या हल नहीं होगी

आपके मित्र दूसरों का मजाक उड़ाने वाले , झूठ बोलने वाले या अभिमानी नहीं होने चाहिएजिन लोगों के नैतिक मूल्य ऊँचे हों उनका ही संग कीजिये , वरना कुसंग से आप भी वैसे ही बन जायेंगे

तन से चाहे भाग ले प्राणी

मन से भाग पाय

तोरा मन दर्पण कहलाय

एक दिन अपना ही मन अपने कर्मों का हिसाब मांगेगाअपनी तरफ से किसी के साथ बुरा मत कीजियेये ठीक है कि कभी कभी सहन शक्ति जवाब दे जाती हैतब आपको ये समझना है कि अन्याय के खिलाफ क्या कदम उठाना हैआपको अपने मन को उस रास्ते से हटाना है , थोडा वक्त लगेगा , पर आप अवश्य ही कर पायेंगेन्याय की बात ऊपर वाले पर छोड़ देंकोई इंसान खराब क्यों बनता है , इसके पीछे हमेशा परिस्थितियाँ होती हैंकहीं लाड-दुलार की कमी की वजह से भावनात्मक असुरक्षा , कहीं तकलीफें , कहीं खराब लोगों का साथ ; वरना ईश्वर के घर से आए तो सब एक जैसे ही थेउन्हें माफ़ कर दीजियेमानवता से प्यार कीजियेअनुशासन रखने और दंड देने के लिए जिम्मेदार प्रशासन को भी अपराधी की पूरी केस हिस्टरी जान कर ही दंड देना चाहिए

दूसरे को तनाव व् दुःख देने से पहले खुद भी तनाव झेलना पड़ता हैइस बात को कभी भूलें व् हमेशा खुश रहने की कोशिश करें

जो लोग आपको पसंद करते हैं , उनसे खूब मिलिएकुछ दिन हतोत्साहित करने वाले लोगों से मत मिलिएउदास करने वाली पुस्तकें भी मत पढ़िएनहीं तो चित्त और अशांत हो जाएगाक्योंकि आपके अंतर्मन में एक लड़ाई चल रही है , जिसे आपने जीतना हैघर वालों को सहयोग दीजिये , उनका सहयोग प्राप्त कीजियेपरिवार की एकता आपका सँबल बनेगीबुरी घटना को भी प्रेरणा स्त्रोत बनाएंगोस्वामी तुलसीदास जी ने अपनी पत्नी रत्नावलि की डांट को भी इस कदर सकारात्मक लिया कि रामचरित मानस जैसे ग्रन्थ की रचना कर डाली

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