सहज सरल चलना सीखें ...
'जहाँ डाल डाल पर सोने की चिड़ियाँ करती हैं बसेरा
वो भारत देश है मेरा ....
जहाँ सत्य अहिंसा और प्रेम का पग पग लगता डेरा
वो भारत देश है मेरा...
वो भारत देश है मेरा...'
इस गीत के साथ तन्मयता से रच बस जाइए । देश-भक्ति और प्रेम का समुद्र हिलोरें लेने लगेगा । जीवन के छोटे मोटे उद्देश्यों को पूरे करते हुए चलिए बड़े उद्देश्य की ओर । आपको कुछ करना नहीं है , बस जो काम आपको मिला है उसे ईमानदारी और प्रेम के साथ करिये । जो आपसे मिलने आए उसका बुरा न चाहें । सामने वाले का जो भी भला अपनी सामर्थ्य के अन्दर आप कर सकते हैं , कर दीजिये । अपने आपको शांत व खुश रखना अपनी जिन्दगी का उद्देश्य बना लें । दूसरों के सुख को बर्दाश्त करना व उसमें सुखी होना सीखिए । दुखियों को देख कर करुणित भी जरुर होवें । सँसार सुन्दर बनता है सुन्दर जीवन से , इसलिए स्वयं को सुन्दर बनायें । जो दूसरों के काम आते हैं वे सुन्दर बन जाते हैं । दूसरों को प्रेम करने वाले को प्रभु बेहद चाहते हैं ।
जीवन में उद्देश्य जरुर होना चाहिए । उद्देश्य हीनता बहुत बुरी स्थिति है । अक्सर लोग भ्रम में ही जिन्दगी गुजारते हैं । रूप रंग का , ओहदे का , सर्व समर्थ होने का , कार्य-कुशलता का , दादागिरी का ( प्रभुत्व का , रौब का ) , या कैसा भी भ्रम वो पाल लेते हैं । हालांकि ये एक सही दिशा नहीं कही जा सकती , भ्रम ही सही फिर भी वे एक मजबूत मन के साथ जीते तो हैं । निराश मनों के लिये ये दुनिया नहीं बनी , या फिर निराश मन ऐसी दुनिया के लायक नहीं बने । वे तो इस सँसार सागर में तिनकों की तरह बह रहे हैं , सागर की लहरें , हिचकोले इन्हें कितना विचलित कर जाते हैं ..कि ये जीना ही भूल जाते हैं ।
वक्त जिन परिस्थितियों को हमारे आस पास बुनता है , उन परिस्थितियों के प्रति हमारी संवेदन शीलता और उस से उत्पन्न हुआ अवसाद ( नकारात्मकता ) हमें पीछे ला कर खड़ा कर देता है । हमारी मानसिकता एक मजबूत रोल अदा करती है , वरना हम हर बुरी परिस्थिति में भी एक सा रेस्पोंस देते । जब हम मजबूत थे तो कुछ असर न होता था । जब ये वक्त निकल जाएगा , हम फिर वैसे ही मजबूत इरादों वाले होंगे । तो , इस वक्त को काटना है ; नियम से , कर्म से, पूजा-प्रार्थना से ,दूसरे कामों में मन लगाते हुए । जानती हूँ मन बगावत करेगा , हर पल रोयेगा , हर किसी की तरफ आशा से देखेगा कि कोई हमदर्दी दे , सहारा दे , हाथ पकड़ ले और इस निराशा के अंधे कुँए से बाहर निकाल ले । कोई डॉक्टर हो जो दवा दे , ठीक कर दे । दवा दे और नींद आ जाए , इन निराश विचारों से मुक्ति मिल जाए । नहीं ये इसका हल नहीं है , कृत्रिम नींद कभी स्थाई आराम नहीं देगी , आराम देंगे मन को तरोताजा करने वाले विचार , सकारात्मक विचार । आराम और नींद लायेंगे वे कर्म जो सकारात्मकता के साथ किये गए हों । अपने नियमित कर्म कीजिये , किसी का सहारा बनिए , सहारा मत खोजिये , हमदर्दी मत खोजिये , दोस्त खोजिये । मंजिल जरुर मिलेगी । रास्ता लंबा है , असंभव लगता है , पर असंभव है नहीं । Impossible , word itself says I m possible.
हार निराशा को अपने शब्द-कोष से हटा दो ।
कर्म , मित्रों और पूजा का सहारा लेकर आप वक्त पर विजय पायेगें । कर्म करने वाले का वैसे भी कोई सानी नहीं होता । रास्ता कितना भी दुर्गम हो , ईश्वर उनकी मदद करता है जो अपनी मदद करते हैं और सच्चे दिल से दूसरों की मदद करना चाहते हैं ।
हार निराशा को अपने शब्द-कोष से हटा दो ।
जवाब देंहटाएंसही सलाह!
सुभाषित विचार।
जवाब देंहटाएंआत्मविश्वास और हिम्मत बहुत आवश्यक है अपनी पहचान बनाने के लिए ! आप कामयाब हैं अपनी बात समझाने के लिए !!
जवाब देंहटाएंप्यार की भाषा के साथ समझाने वाले भी बहुत कम हैं ...हार्दिक शुभकामनायें !!