मंगलवार, 15 फ़रवरी 2011

११.

सहज सरल चलना सीखें ...

'जहाँ डाल डाल पर सोने की चिड़ियाँ करती हैं बसेरा

वो भारत देश है मेरा ....

जहाँ सत्य अहिंसा और प्रेम का पग पग लगता डेरा

वो भारत देश है मेरा...

वो भारत देश है मेरा...'

इस गीत के साथ तन्मयता से रच बस जाइएदेश-भक्ति और प्रेम का समुद्र हिलोरें लेने लगेगाजीवन के छोटे मोटे उद्देश्यों को पूरे करते हुए चलिए बड़े उद्देश्य की ओर । आपको कुछ करना नहीं है , बस जो काम आपको मिला है उसे ईमानदारी और प्रेम के साथ करियेजो आपसे मिलने आए उसका बुरा चाहेंसामने वाले का जो भी भला अपनी सामर्थ्य के अन्दर आप कर सकते हैं , कर दीजियेअपने आपको शांत खुश रखना अपनी जिन्दगी का उद्देश्य बना लेंदूसरों के सुख को बर्दाश्त करना उसमें सुखी होना सीखिएदुखियों को देख कर करुणित भी जरुर होवेंसँसार सुन्दर बनता है सुन्दर जीवन से , इसलिए स्वयं को सुन्दर बनायेंजो दूसरों के काम आते हैं वे सुन्दर बन जाते हैंदूसरों को प्रेम करने वाले को प्रभु बेहद चाहते हैं

जीवन में उद्देश्य जरुर होना चाहिएउद्देश्य हीनता बहुत बुरी स्थिति हैअक्सर लोग भ्रम में ही जिन्दगी गुजारते हैंरूप रंग का , ओहदे का , सर्व समर्थ होने का , कार्य-कुशलता का , दादागिरी का ( प्रभुत्व का , रौब का ) , या कैसा भी भ्रम वो पाल लेते हैंहालांकि ये एक सही दिशा नहीं कही जा सकती , भ्रम ही सही फिर भी वे एक मजबूत मन के साथ जीते तो हैंनिराश मनों के लिये ये दुनिया नहीं बनी , या फिर निराश मन ऐसी दुनिया के लायक नहीं बनेवे तो इस सँसार सागर में तिनकों की तरह बह रहे हैं , सागर की लहरें , हिचकोले इन्हें कितना विचलित कर जाते हैं ..कि ये जीना ही भूल जाते हैं

वक्त जिन परिस्थितियों को हमारे आस पास बुनता है , उन परिस्थितियों के प्रति हमारी संवेदन शीलता और उस से उत्पन्न हुआ अवसाद ( नकारात्मकता ) हमें पीछे ला कर खड़ा कर देता हैहमारी मानसिकता एक मजबूत रोल अदा करती है , वरना हम हर बुरी परिस्थिति में भी एक सा रेस्पोंस देतेजब हम मजबूत थे तो कुछ असर होता था । जब ये वक्त निकल जाएगा , हम फिर वैसे ही मजबूत इरादों वाले होंगेतो , इस वक्त को काटना है ; नियम से , कर्म से, पूजा-प्रार्थना से ,दूसरे कामों में मन लगाते हुएजानती हूँ मन बगावत करेगा , हर पल रोयेगा , हर किसी की तरफ आशा से देखेगा कि कोई हमदर्दी दे , सहारा दे , हाथ पकड़ ले और इस निराशा के अंधे कुँए से बाहर निकाल लेकोई डॉक्टर हो जो दवा दे , ठीक कर देदवा दे और नींद जाए , इन निराश विचारों से मुक्ति मिल जाएनहीं ये इसका हल नहीं है , कृत्रिम नींद कभी स्थाई आराम नहीं देगी , आराम देंगे मन को तरोताजा करने वाले विचार , सकारात्मक विचारआराम और नींद लायेंगे वे कर्म जो सकारात्मकता के साथ किये गए होंअपने नियमित कर्म कीजिये , किसी का सहारा बनिए , सहारा मत खोजिये , हमदर्दी मत खोजिये , दोस्त खोजियेमंजिल जरुर मिलेगीरास्ता लंबा है , असंभव लगता है , पर असंभव है नहीं । Impossible , word itself says I m possible.

हार निराशा को अपने शब्द-कोष से हटा दो

कर्म , मित्रों और पूजा का सहारा लेकर आप वक्त पर विजय पायेगेंकर्म करने वाले का वैसे भी कोई सानी नहीं होतारास्ता कितना भी दुर्गम हो , ईश्वर उनकी मदद करता है जो अपनी मदद करते हैं और सच्चे दिल से दूसरों की मदद करना चाहते हैं

3 टिप्‍पणियां:

  1. हार निराशा को अपने शब्द-कोष से हटा दो ।
    सही सलाह!

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  2. आत्मविश्वास और हिम्मत बहुत आवश्यक है अपनी पहचान बनाने के लिए ! आप कामयाब हैं अपनी बात समझाने के लिए !!
    प्यार की भाषा के साथ समझाने वाले भी बहुत कम हैं ...हार्दिक शुभकामनायें !!

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आप टिप्पणी दें न दें ,आपके दिल में मुस्कान हो ,जोश होश और प्रेरणा का जज्बा हो ,जो सदियों से बिखरती इकाइयों को जोड़ने के लिए जरुरी है ,बस वही मेरा उपहार है ....